7th Pay commission : शासकीय कर्मचारी प्रशिक्षकों का 7वां वेतनमान निर्धारित करने के निर्देश दिये गये हैं,इनमें कई ऐसे कार्यकर्ता प्रशिक्षकों के दल शामिल हैं, जिन्हें प्रशिक्षक संवर्ग से शैक्षणिक संवर्ग में विलय कर दिया गया है।साथ ही कई विभागों के कर्मियों का वेतन भी बकाया है.माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें सातवें वेतन आयोग की सलाह के तहत राजस्व के खाते में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
7th pay commission: प्रदेश के कर्मयोगी प्रशिक्षकों के लिए सही सूचना है।वास्तव में सातवें वेतन आयोग की सलाह के अनुसार वेतन निर्धारण का लाभ उन्हें शीघ्र ही मिलेगा इस संबंध में संभागायुक्त ने संकेत जारी किए हैं।संभागीय आयुक्त ने अधिकारियों को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि जिन सरकारी कर्मियों की आय स्थिर नहीं रही है, उनकी आय जल्द से जल्द स्थिर हो और उन्हें 7वे वेतन आयोग का लाभ मिलेगा।कर्मियों को सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बावजूद अब वेतन हल करने के बाद उन्हें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है,इस संबंध में संभागीय आयुक्त ने ग्वालियर चंबल संभाग के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.उन्होंने अपने लिखित पत्र में निर्देश दिया है कि संभागीय संयुक्त निदेशक कोष एवं लेखा के माध्यम से कर्मियों एवं प्रशिक्षकों का वेतन स्थिर रखा जाये।
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संभागायुक्त के क्या है निर्देश
संभागायुक्त ने पत्र में कहा है कि जिले के सभी प्रत्याहरण एवं चार्टर अधिकारों को इसके लिए लिखित में अवगत कराया जाए।संभागायुक्त दीपक सिंह ने सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को कर्मियों का प्रमाणीकरण भी लेने की जानकारी दी.साथ ही सभी अधीनस्थ सरकारी कर्मियों का वेतन जल्द से जल्द स्थिर करने की तैयारी उजागर करने की बात कही है।
कर्मचारियों को नए वेतनमान का लाभ
दरअसल, अब तक स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षण संवर्ग में नियुक्त सभी शिक्षकों का वेतन निर्धारित नहीं किया गया है.इसके साथ ही कई विभागों के सरकारी कर्मियों के भी बड़ी संख्या में वेतन निर्धारित होना बाकी है।जिस पर अब संभागायुक्त ने सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।आहरण एवं संवितरण अधिकारी को जल्द से जल्द उपार्जन दुरुस्त करने तथा कर्मियों एवं प्रशिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिलाने के निर्देश दिये.अब जल्द ही सरकारी कर्मियों सहित प्रशिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
दरअसल, 22 सितंबर 1995 तक झारखंड में निश्चित प्रचार योजना दबाव में आ गई।1995 के बाद भी 1981-82 में नियुक्त शिक्षकों को अब तक प्रोन्नति का चार्टर नहीं होने के कारण प्रोन्नति नहीं दी गयी है.हालांकि करियर एडवांसमेंट स्कीम जुलाई 2008 में राष्ट्र प्राधिकरणों के माध्यम से लागू हो गई, यह 31 दिसंबर 2008 को समाप्त हो गई।जिसके बाद शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ नहीं मिल सका।अब फिर से यूजीसी को लागू करने के लिए स्टैच्यूट का विचार कैबिनेट को भेजा गया है.
सातवें वेतनमान का मिलेगा लाभ
इसके अलावा 7वें वेतनमान के प्रस्ताव को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की मदद से कैबिनेट को भेजा गया है।एक जनवरी 2016 से हजारों कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा सकता है।जिसके लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।कर्मचारियों को 7वें वेतनमान में 2016 से अब तक के बकाया एरियर की राशि का भुगतान किया जाएगा।हालांकि इसमें किसी भी प्रकार के शिशु को सुरक्षित नहीं किया जाना है।इससे उन्हें कर्मियों की आय में 20 से 25 फीसदी उछाल का फायदा मिल सकता है।जिसके कारण उनके खाते को 20000 से 30000 तक आना चाहिए।