7th Pay Commission: नए साल से पहले केंद्रीय कर्मियों को बड़ा झटका लगा है।कर्मियों के 18 माह के उच्च स्तरीय महंगाई भत्ते को लेकर अधिकारियों की मदद से तस्वीर साफ हो गई है।वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई घोषणा के बाद मुख्य कर्मियों की डीए बकाया को लेकर की जा रही वाजिब उम्मीद भी खत्म हो गई है।
डीए का बकाया अब नहीं दिया जाएगा
अभी संसद की प्रतिष्ठित सलाह-मशविरा जारी है।इस दौरान केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जानकारी दी कि कोरोना महामारी के समय 18 महीने से रुका बुनियादी कर्मियों का महंगाई भत्ता अब नहीं दिया जाएगा।अभी तक अधिकारियों की मदद से ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
कर्मचारियों की मांगों को लेकर नहीं है कोई योजना
राज्यसभा सदस्य नारन भाई जे राठवा ने संसद में सवाल पूछा था कि क्या सरकार कर्मियों को उनके डीए का बकाया भुगतान करती है?उनके सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि महत्वपूर्ण कर्मियों और पेंशनरों के 18 महीने के डीए बकाया के संबंध में कई मांगें हैं, लेकिन कोरोना काल में नकारात्मक आर्थिक प्रभावों के कारण, यह अभी तक दूर है।जारी किया संबंधित कोई योजना नहीं है।
इस फैसले से कर्मचारी संघ नाराज है
वहीं, 18 महीने के शानदार डीए को लेकर अहम अधिकारियों की ओर से जोड़े गए इस अपडेट के बाद कर्मचारी संघ में नाराजगी है।उनका कहना है कि इस मात्रा को रोका नहीं जा सकता।कोरोना काल में महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाने के बावजूद कर्मियों ने काम किया।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 18 महीने में किसी स्तर पर महंगाई भत्ता जारी नहीं होने से सरकार के पास करीब 34 हजार करोड़ रुपये जमा हो गए।
महंगाई भत्ता का ग्रोथ हो जाता है
इस बीच एक चौंकाने वाली खबर यह है कि नए साल में जरूरी कर्मियों का महंगाई भत्ता बढ़ने जा रहा है।वर्तमान में कर्मियों को 38 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, लेकिन जनवरी में डीए में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।