Bank locker Latest Update: बैंक ,लॉकर की सामग्री के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी नहीं है, कुछ मामलों में बैंक आपकी सामग्री की कमी के लिए क्षतिपूर्ति करता है।यहां जानें कि किन स्थितियों में लॉकर में रखे सामान की कमी के लिए बैंक जिम्मेदार है सभी के पास सोने-चांदी के आभूषण हैं।लेकिन लोगों को यह याद नहीं रहता कि लॉकर को घर में रखना सुरक्षित है, इसलिए बैंक लॉकर लीज पर लेते हैं और उसमें अपने कान की बाली और कीमती सामान रखते हैं।लेकिन अगर बैंक के लॉकर से भी आपका कीमती सामान चोरी हो जाता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?अगर आपको लगता है कि बैंक इसकी जिम्मेदारी लेगा तो आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि लॉकर में रखे सामान के लिए बैंक पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है, कई मामलों में बैंक नुकसान की भरपाई करता है आपके माल की कमी,जानिए लॉकर में रखे सामान को लेकर क्या है बैंक की गाइडलाइन?
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मकान मालिक और किराएदार का रिश्ता
जब भी कोई किसी बैंक का लॉकर लेता है तो बैंक और लॉकर लेने वाले पुरुष या महिला के बीच समझौता हो सकता है।इसे ‘मेमोरेंडम ऑफ लेटिंग’ कहा जाता है।यह निश्चित रूप से कहता है – ‘बारिश, आग, भूकंप, बाढ़, बिजली, नागरिक अशांति, युद्ध, दंगे आदि या बैंक के हेरफेर से परे किसी भी अन्य कारण के मामले में, आपके लॉकर की सामग्री के लिए जवाबदेह हो सकता है।इसके लिए अब बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।इस समझौते में यह भी लिखा है कि बैंक आपकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए पूरी सावधानी बरतेगा और बेहतर इंतजाम करेगा, लेकिन लॉकर में रखी संपत्ति के लिए बैंक अब जिम्मेदार नहीं होगा.
क्या कहते हैं आरबीआई के नए नियम
New Rules of RBI: बैंक के अंदर लॉकर लेने वाले ग्राहकों की ओर से लगातार बढ़ती कार्यवाही के चलते आरबीआई ने नए नियम जारी किए हैं, जो 1 जनवरी, 2022 से लागू हो गए हैं।इन नए नियमों के मुताबिक अब बैंक यह नहीं कह सकते कि लॉकर में रखे सामान पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।चोरी, धोखाधड़ी, इमारत गिरने की स्थिति में बैंकों की देनदारी लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक हो सकती है।इसके अलावा बैंक को लॉकर की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने होंगे।ग्राहक, हर बार जब आप अपने लॉकर में प्रवेश करते हैं, तो इसका अलर्ट बैंक के माध्यम से ईमेल और एसएमएस के माध्यम से दिया जा सकता है।अब लॉकर रूम के अंदर आने-जाने वाले लोगों की सीसीटीवी से स्क्रीनिंग करना बेहद जरूरी है।साथ ही सीसीटीवी फुटेज के फैक्ट्स को 180 दिनों तक सहेज कर रखना होगा।यदि किसी भी अवसर पर यह साबित हो जाता है कि लॉकर की सामग्री की कमी बैंक के कर्मचारी की मिलीभगत या सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही के कारण हुई है, तो बैंक को इसके लिए उत्तरदायी ठहराया जाता है।
क्या बैंक लॉकर में सुरक्षित है आपका सामान ?
बैंक अपने ग्राहकों को महंगे मामलों और आवश्यक फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर प्रदान करते हैं।वे काफी हद तक सुरक्षित हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में डकैती और धोखाधड़ी के मामले में बैंकों पर लगातार दबाव बनाए रखा है,हालांकि, बैंकों की देनदारी लॉकर के सालाना किराए के 100 गुने तक सीमित की जा सकती है, इसलिए आपको लॉकर में 100 गुने से ज्यादा कीमत का सामान रखने से बचना चाहिए।लॉकर में कई तरह से आपकी संपत्ति काफी सुरक्षित रहती है।