Center Employee: महत्वपूर्ण कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और बोनस देने के बीच सरकार ने कड़ा फैसला लिया है।जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन व ग्रेच्युटी पर रोक लगाने के आदेश दिए।यह आदेश आवश्यक कर्मचारियों पर लागू होगा, जिसे राज्यों के माध्यम से भी लागू किया जा सकता है।आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि अगर केंद्रीय कर्मचारियों (Center Employees) को उनकी सेवा के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही के लिए जिम्मेदार पाया जाता है, तो सेवानिवृत्ति के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन पर रोक लगाई जा सकती है।
यह प्रशिक्षण केंद्रीय सिविल सेवा नियमावली 2021 के तहत जारी किया गया है।सीएआर ने आज केंद्रीय सिविल सेवा नियम 2021 के नियम आठ में संशोधन किया, जिसमें कई नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं।
Center Employee के दोषी पाए जाने पर की जाएगी कार्रवाई
इस नियम में बदलाव की जानकारी केंद्र सरकार के माध्यम से सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है।इस नियम में कहा गया है कि यदि किसी कर्मचारी को कार्य के दौरान किसी कारण से दोषी पाए जाने के आंकड़े मिलते हैं तो उस कर्मचारी की पेंशन और ग्रेच्युटी को रोकने के लिए आंदोलन किया जाता है।आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को उन नीतियों में बदलाव किया गया था, जिसके तहत सक्षम सरकार को कर्मियों के दोषी पाए जाने पर उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी पर रोक लगाने का अधिकार होगा.यदि इन कार्मिकों के विरुद्ध अवकाश अवधि में कोई विभागीय या न्यायिक कार्यवाही की जाती है तो संबंधित सरकार को बताना भी आवश्यक होगा।सेवानिवृत्ति के बाद भी यदि कर्मचारी की नियुक्ति होती है तो उस पर भी यही नियम लागू होगा।
रिटायरमेंट के बाद वसूली जाएगी ये राशि
यदि किसी केन्द्र के कर्मचारी ने सेवानिवृत्ति के बाद पेंशनभोगी के वजीफे का प्रभार ले लिया है और जिम्मेदार पाया जाता है तो उसकी पेंशन की आंशिक राशि की वसूली की जा सकती है।विभाग को हुए नुकसान के आधार पर वसूली की जा सकती है।
सुझाव अंतिम आदेश से पहले भी लिए जा सकते हैं
किसी भी प्राधिकरण को अंतिम आदेश देने से पहले संघ लोक सेवा आयोग से दिशा-निर्देश लेने होंगे।इसके अलावा, किसी भी तरह से पेंशन बंद या वापस ले ली गई है, न्यूनतम राशि अब प्रति माह 9000 रुपये से कम नहीं होगी।जो पहले से ही नियम 44 के तहत निर्धारित है।7 अक्टूबर को नियमों में किए गए संशोधन के अनुसार दोषी पाए जाने वाले कर्मियों की पेंशन या ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार सरकार के पास होगा।यह जरूरी भी हो सकता है।अगर किसी केंद्र कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद दोबारा काम पर रखा जाता है तो उसके लिए समान नियम लागू होंगे।