Dearness Allowance: विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले त्रिपुरा सरकार ने देश के कर्मियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में 12 फीसदी की भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। अब वहां महंगाई भत्ता बढ़कर बीस प्रतिशत हो गया है।यह भत्ता 1 दिसंबर से लागू हो गया है।
त्रिपुरा के 75 लाख कर्मियों और पेंशनरों ने महंगाई भत्ते के संबंध में उच्च गुणवत्ता वाली जानकारी प्राप्त की है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने देश के सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत में 12 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। यह वृद्धि 1 दिसंबर से ही प्रासंगिक हो सकती है।वर्तमान में त्रिपुरा के ग्रामीण कर्मियों और पेंशनभोगियों को 100 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है। 1 दिसंबर 2022 से यह बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है। सरकार के इस फैसले से 80800 पेंशनभोगी और एक लाख चार हजार छह सौ दैनिक कर्मियों को लाभ होगा।
DA-DR Hike Alert 2023 : त्रिपुरा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी ! बढ़ गया 12% तक महंगाई भत्ता !
अस्थाई कर्मचारियों का पारिश्रमिक लगभग दोगुना हुआ
सरकार की घोषणा का लाभ अस्थायी कर्मियों को भी मिल सकता है, क्योंकि उनका पारिश्रमिक लगभग दोगुना हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि DA/DR में 12 फीसदी की वृद्धि से देश की सरकार पर हर महीने 120 करोड़ रुपये और सालाना आधार पर 1440 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.साहा ने कहा कि संसाधनों की कमी के बावजूद देश सरकार ने वेतन ढांचे में संशोधन किया है। इससे लाखों कर्मियों और उनके परिवारों को लाभ होगा।
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12 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि
राज्य के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देबबर्मा के पास वित्त विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं बढ़ाने को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है।देश के जवानों को ज्यादा से ज्यादा आशीर्वाद देना हमारा लक्ष्य है।महंगाई भत्ते में 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ हमने एक मानक स्थापित किया है।
सालाना 1440 करोड़ का एडिशनल बोझ
जब उनसे पूछा गया कि सरकार पर सालाना 1440 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ कहां और कैसे पड़ेगा।इसके जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि यह वाकई में काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन अब नामुमकिन नहीं है.सरकार चाहे तो थोड़ी सी हिम्मत और बड़े दिल से इस परेशानी का रास्ता निकाल सकती है।यह विकल्प केवल हमारे राज्य के लोगों को प्राप्त होगा।
अगले वर्ष से विधानसभा चुनाव होने वाले हैं
बता दें कि त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं।माना जा रहा है कि मार्च में संभावित चुनाव से पहले सरकार का यह फैसला राजनीतिक रूप से प्रेरित है,विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं।22 मार्च, 2023 को बैठक की पांच साल की अवधि समाप्त हो रही है।उससे पहले चुनाव संपन्न हो जाना चाहिए।