EPFO Interest Calculation : सभी कर्मचारियों (Employees) को ये उम्मीद रहती है कि जब वो रिटायर होंगे तो उनको एक अच्छी रकम प्राप्त हो। जिससे कि उनका भविष्य नौकरी के बाद भी सुरक्षित रह सके। इसके लिए कर्मचारियों को पीएफ (PF) का पैसा दिया जाता है। यानि कि एम्प्लॉई तथा एम्प्लॉयर दोनों का बेसिक व डीए (DA) मिलाकर 24 प्रतिशत भाग जमा किया जाता है।
कर्मचारियों को ऐसे ब्याज देती है सरकार
बताते चलें कि EPF Account में जमा की गई राशि पर सरकार कर्मचारियों को ब्याज देती है। जिससे कि कर्मचारियों को बहुत लाभ मिलता है। इसी प्रकार कर्मचारी बहुत लंबे समय से पीएफ पर मिलने वाले ब्याज के पैसे का इंतजार कर रहे हैं। हांलाकि अभी तक कर्मचारियों के पीएफ खाते में ब्याज का पैसा नहीं आया है।
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इस बार कर्मचारियों के खाते में सरकार 8.1 फीसदी ब्याज के हिसाब से पैसा भेजेगी। इससे पहले 8.5 फीसदी ब्याज के हिसाब से कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में पैसा भेजा जाता था। आइए समझते हैं कि पीएफ अकाउंट में ब्याज का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है। कर्मचारियों को ऐसा लगता है कि उनके पीएफ अकाउंट में जमा पूरे पैसे पर उनको ब्याज मिलता है।
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प्रत्येक महीने पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर मिलता है ब्याज
लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। पीएफ अकाउंट में जो राशि पेंशन फंड में जमा रहती है उस पर ब्याज का कैलकुलेशन नहीं होता है। प्रत्येक महीने पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज देती है। लेकिन वर्ष के अंत में इसे जमा किया जाता है। इस बार कर्मचारियों को 8.1 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से पैसा दिया जाएगा।
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पैसे की निकासी करने पर होता है ये नुकसान
ईपीएफओ के नियमों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अंतिम तारीख में बैलेंस राशि में से 1 वर्ष के भीतर कोई राशि निकाली गई है तो उसको घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है। बता दें कि ईपीएफओ ओपेनिंग तथा क्लोजिंग बैलेंस ही लेता है। इसकी गणना करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है तथा ब्याज का रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है।
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ऐसे होती है ब्याज की गणना
मान लीजिए कि यदि आपने चालू वित्त वर्ष के दौरान ही कोई राशि निकाल ली है तो ब्याज की राशि वर्ष के प्रारंभ से लेकर निकासी के ठीक पिछले महीने की ली जाती है। वर्ष का क्लोजिंग बैलेंस उसका ओपेनिंग बैलेंस होगा + कंट्रीब्यूशन – निकासी + ब्याज
आइए इसे कुछ आंकड़ों से समझते हैं
बेसिक सैलरी + DA = 30000 रूपए
कर्मचारी कंट्रीब्यूशन = 30000 रूपए का 12 प्रतिशत
एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन = 1250 रूपए
EPF = 3600 रूपए – 1250 रूपए = 2350 रूपए
कुल मासिक ईपीएफ कंट्रीब्यूशन = 3600 रूपए + 2350 रूपए = 5950 रूपए