Employee’s Pension Scheme: पुरानी पद्धति के अनुसार श्रमिक को 14 वर्ष के गौरव पर 2 जून 2030 से लगभग 3000 रुपये की पेंशन मिलती है।पेंशन की गणना करने की विधि है- (सेवा इतिहास x 15,000/70)।लेकिन अगर पेंशन की सीमा खत्म हो जाए तो समान कामगार की पेंशन कई गुना बढ़ जाएगी।
Employee Pension Scheme EPS-95 : प्राइवेट जोन के कर्मियों को बड़ी राहत मिल सकती है।कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में योगदान करने वाले किराए के व्यक्ति की पेंशन कई गुना बढ़ सकती है।ईपीएफओ बोर्ड इसमें जल्द चयन कर सकता है।माना जा रहा है कि कर्मचारी पेंशन योजना-95 के तहत पेंशन को 333 फीसदी तक गुणा किया जा सकता है।कर्मचारी पेंशन योजना में अधिकतम पेंशन 15,000 रुपये स्थिर है।इसके बाद इसमें सीलिंग का काम किया जाता है।मतलब, भले ही पहली आमदनी 15 हजार रुपये महीने से ज्यादा हो, लेकिन आपकी पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपये की आय पर की जाएगी।
कई गुना बढ़ सकती है EPS Pension!
पेंशन की सीलिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट की बेंच के पास लंबित है।इसमें कई रेंजों पर सुनवाई हो चुकी है।यूनियन लगातार इस बात से परेशान है कि पेंशन पर कैपिंग को खत्म करने की जरूरत है।यदि कार्मिक की पसंद नहीं है, तो पेंशन की गणना (EPS Pension) भी शेष आय यानी अत्यधिक आय वर्ग में की जा सकती है।इस विकल्प के साथ, कर्मियों की पेंशन को 300% तक बढ़ाना काफी व्यवहार्य है।EPS से कम पेंशन लेने की स्थिति यह है कि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में 10 साल तक योगदान करना बहुत जरूरी है।जबकि बीस साल की सेवा पूरी करने के बाद दो साल का वेटेज दिया जाता है।सीलिंग हटाने से काफी फर्क पड़ेगा।
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EPS-95 में कैसे बढ़ेगी आपकी पेंशन?
प्रचलित नियमों के अनुसार यदि कोई कर्मचारी 1 जून 2015 से कहीं कार्य कर रहा है और 14 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद पेंशन लेना चाहता है तो उसकी पेंशन की गणना 15 हजार रुपये ही की जा सकती थी।भले ही कर्मचारी 20 हजार रुपये के बेसिक इनकम में हो या 30 हजार रुपये के।विंटेज पद्धति के अनुसार श्रमिक को 2 जून 2030 से 14 वर्ष की संपूर्ण अवधि पर लगभग 3000 रुपये की पेंशन मिलती है।पेंशन की गणना करने की विधि है- (सेवा इतिहास x 15,000/70)।लेकिन, अगर पेंशन की सीलिंग खत्म कर दी जाए तो उसी कर्मचारी की पेंशन बढ़ जाएगी।
उदाहरण संख्या -1
मान लीजिए किसी कर्मचारी का रेवेन्यू (Basic Salary DA) 20 हजार रुपए है।पेंशन फॉर्मूले से कैलकुलेशन करने पर उनकी पेंशन 4000 रुपये (20,000X14)/70 = 4000 रुपये हो सकती है।इसी तरह, जितना अच्छा राजस्व होगा, उतना ही उसे पेंशन का लाभ मिलेगा।ऐसे लोगों की पेंशन में तीन सौ फीसदी का उछाल आ सकता है।
उदाहरण संख्या 2
मान लीजिए किसी कार्यकर्ता के पास 33 साल का कार्य है।उनका अल्टीमेट फंडामेंटल इनकम 50 हजार रुपये है।प्रचलित प्रणाली के तहत, पेंशन की गणना अधिकतम 15,000 रुपये के राजस्व पर प्रभावी ढंग से की जा सकती है।इस तरह (फॉर्मूला: 33 साल 2 = 35/70×15,000) पेंशन 7,500 रुपए सबसे प्रभावी हो सकती थी।यह आज की व्यवस्था में सबसे अधिक पेंशन है।लेकिन, अगर पेंशन की सीमा समाप्त कर दी जाती है और अंतिम राजस्व के अनुरूप पेंशन दी जाती है, तो उन्हें 25,000 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी।मतलब (33 साल 2= 35/70 x 50,000= 25000 रुपये)।