Age Increment For Government Employee Retirement: कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु के भीतर पांच वर्ष की वृद्धि दिखाई दे सकती है।दरअसल, हाईकोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर स्पष्टीकरण मांगा है।अगली सुनवाई 17 जनवरी को होनी है।
कर्मचारी सेवानिवृत्ति आयु वृद्धि: कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु के भीतर वृद्धि की मांग पूरे देश में रहती है।लगातार अधिकारी कर्मी सेवानिवृत्ति की उम्र में ग्रोथ की तलाश कर रहे हैं।जबकि उच्चाधिकारियों ने जजों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने से इनकार कर दिया है।उधर, कई देश सरकारों ने अधिकारी कर्मियों सहित प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी बढ़ा दी है।इस बीच, उच्च न्यायालय ने कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के देश के अधिकारियों के आह्वान पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया तलब की है।29 मार्च 2022 की अधिसूचना पर केंद्र सरकार को हाईकोर्ट के अंदर साक्ष्य उपलब्ध कराना होगा।
सेवानिवृत्ति आयु को 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की मांग
दरअसल, चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों के प्रोफेसरों की तर्ज पर निजी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 से बढ़ाकर 65 साल करने की मांग शुरू हो गई है।इसके लिए हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2022 की अधिसूचना पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।अब इस याचिका की सुनवाई 17 जनवरी 2023 को होगी।
केंद्र सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी
जानकारी के अनुसार एक निजी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय के कर्मचारी प्रोफेसर की ओर से उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार की ओर से 29 मार्च को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें सेवानिवृत्ति की आयु 29 मार्च है. प्रोफेसर 60 से 65 साल के हो गए।सभी शासकीय विद्यालयों में प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का नियम लागू किया गया है, लेकिन अब तक सहायता प्राप्त विद्यालयों के व्याख्याताओं को लाभ नहीं दिया गया है, वे इस लाभ से वंचित हैं।
सिंगल बेंच द्वारा 23 दिसंबर को किया गया था याचिका खारिज
Hight Court News: इससे पहले 23 दिसंबर को जस्टिस राजवीर सहरावत की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया था.सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि 29 मार्च 2022 की अधिसूचना सरकारी कॉलेजों के व्याख्याताओं के लिए है.सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय के प्रशिक्षकों को यह लाभ नहीं मिल सकता है।जिस पर याचीगण द्वारा उच्च न्यायालय की खंडपीठ में याचिका दायर कर इस निर्णय को चुनौती दी गई।
Hight Court News Single Bench Judgment
डबल बेंच के माध्यम से 17 जनवरी को मतगणना में अगली सुनवाई इन्हीं याचिकाकर्ताओं की मांग है कि सिंगल बेंच के आदेश को रद्द किया जाए और उन्हें सेवानिवृत्ति की आयु में उछाल का अतिरिक्त लाभ मिले।जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को अधिसूचना पर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है.इस गिनती पर अगली सुनवाई 17 जनवरी को हो सकती है।वहीं अगर कर्मचारियों के शौक के दायरे में विकल्प आता है तो उन्हें 5 साल के करियर बूम का फायदा मिलेगा।