MV Ganga Vilas Cruise: पीएम मोदी ने शुक्रवार को रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखाई।पीएम ने एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।रिवरबोट ‘एमवी गंगा विलास’ ने वाराणसी से अपने साहसिक कार्य की शुरुआत की।यह 51 दिनों में अपने साहसिक कार्य को पूरा करेगा।
MV Ganga: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।यह दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है।प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसमें शिरकत की।साथ ही, पीएम ने एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया क्रूज को हरी झंडी दिखाने के लिए तैयार कार्यक्रम को केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, असम के सीएम हेमंत बिस्वसर्मा और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी संबोधित किया।
वाराणसी से असम तक का सफर
रिवरबोट ‘एमवी गंगा विलास’ ने वाराणसी से अपने साहसिक कार्य की शुरुआत की।यह 51 दिनों में अपना रोमांच पूरा कर लेगा।एमवी गंगा विलास करीब 3,200 किमी का भ्रमण करेगी।इस दौरान यह भारत और बांग्लादेश की 27 नदी संरचनाओं की यात्रा करेगी।यह डिलीवरी बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी।इस क्रूज के माध्यम से भ्रमण करने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 25 से 50 हजार रुपए किराया देना होगा।
क्या हैं सुविधाएं
इस क्रूज में सभी शानदार सुविधाओं के साथ 3 डेक हैं।36 यात्रियों की क्षमता वाले 18 सुइट हैं।इस क्रूज के पहले अनुभव पर स्विट्जरलैंड के 32 यात्री रवाना हुए हैं।
50 ट्रैवेलर्स प्लेस को बायस्किप करेंगे
इस लंबे साहसिक कार्य में, क्रूज 50 यात्री स्थानों से होकर गुजरेगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि के स्थल, देशव्यापी पार्क, नदी घाट और सबसे महत्वपूर्ण शहर जैसे बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी शामिल हैं।इस यात्रा से यात्रियों को शायद भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, अभिलेखों और आध्यात्मिकता के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।एमवी गंगा विलास क्रूज के साहसिक कार्य को भारत के सुखद प्रदर्शन के उद्देश्य से नियोजित किया गया है।
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51 दिनों का होगा सफर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस क्रूज को हरी झंडी दिखाई और 51 दिनों के लंबे सफर पर रवाना किया।इस दौरान यह क्रूज भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश के जल क्षेत्रों से होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।गंगा विलास क्रूज की पहली सवारी पर 32 विदेशी यात्री रवाना हुए हैं।
किराया 50 लाख से लेकर 55 लाख तक हो सकता है
इस क्रूज को चलाने वाली एजेंसी अंतरा लग्जरी रिवर क्रूज की वाइस चेयरमैन सौदामिनी माथुर ने बताया कि दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज में एक यात्री का डिब्रूगढ़ जितना किराया 50 लाख रुपये से लेकर 55 लाख रुपये तक हो सकता है।उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक सीटें पूरी तरह से बुक हो चुकी थीं।उसके बाद ही रिजर्व मिलेगा।उन्होंने कहा कि जिन यात्रियों ने पहले ही बुकिंग करा ली है उनमें से ज्यादातर अमेरिका और यूरोपीय देशों से हैं।