PM Shram Yogi Maandhan Yojana : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, स्वयं का रोजगार शुरू करने वाले तथा छोटे कारोबारियों को राहत प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरूआत की है। यह योजना लोगों के लिए बुढ़ापे का सहारा बनेगी। इस योजना के माध्यम से लोगों को बुढ़ापे के समय पेंशन (Pension) प्रदान की जाएगी।
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ऐसे लोगों को मिलेगा लाभ
वैसे तो केंद्र सरकार के द्वारा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, स्वयं का रोजगार शुरू करने वाले तथा छोटे कारोबारियों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना प्रमुख योजना है। इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने के बाद लोगों को बुढ़ापे में इसका अच्छा लाभ मिल सकता है। इस योजना के माध्यम से कामगारों को 60 वर्ष की उम्र के बाद हर महीने 3000 रूपए पेंशन के रूप में दी जाएगी।
हर महीने कुछ पैसों का करना होगा निवेश
इस योजना का लाभ लेने के लिए कामगारों को हर महीने कुछ पैसों का निवेश करना होगा। तभी उनको 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद पेंशन के रूप में हर महीने 3000 रूपए की राशि प्राप्त होगी। ध्यान रखने वाली बात ये है कि योजना का लाभ लेने वाले लोगों को हर महीने 55 रूपए से लेकर 200 रूपए तक की राशि जमा करनी होगी। जिसके बाद आपको हर महीने पेंशन प्रदान की जाएगी।
15000 रूपए से कम होनी चाहिए मासिक आय
इस योजना में ईंट भट्ठे पर काम करने वाले लोग, घरेलू मजदूर, कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोग, रिक्शा चलाकर जीवन यापन करने वाले तथा बिना खेत वाले लोग आसानी से जुड़ सकते हैं। बताते चलें कि जिन लोगों की मासिक आमदनी 15000 रूपए है या इससे भी कम है ऐसे लोगों को ही इसका लाभ मिल पाएगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की उम्र 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक होनी चाहिए।
ऐसे लोगों को नहीं मिलेगा लाभ
ऐसे लोग जो इनकम टैक्स भर रहे हैं, EPFO, ESIC या NPS का लाभ ले रहे हैं वो इस योजना से नहीं जुड़ सकते हैं। सीधे-सीधे कहा जाए तो ऐसे लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस योजना की सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें सरकार भी कन्ट्रीब्यूशन करती है। इसका मतलब ये है कि जितना पैसा आप जमा करेंगे उतना ही पैसा सरकार भी जमा करती है।
यदि इसी बीच लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो पेंशन का 50 प्रतिशत लाभ पति या पत्नी को दे दिया जाता है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार 4 मई 2022 तक इस योजना में 4664766 लोग एनरोल थे।