Sukanya Samriddhi Yojana : जिस प्रकार लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पेंशन (Pension) का सहारा लेते हैं उसी प्रकार अपनी बेटी के लिए भी कुछ धन बचाने का प्रयास करें जिससे कि उसका भविष्य भी उज्ज्वल हो सके। इसके लिए सरकार ने बहुत अच्छी योजना (Scheme) शुरू की है। इस योजना का नाम सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) है।
इस उम्र की बेटियों को मिलेगा जबरदस्त लाभ
सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ 18 वर्ष की बेटियां बहुत आसानी से ले सकती हैं। पहले इसे 10 वर्ष तक निर्धारित किया गया था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18 वर्ष कर दिया गया है। यह परिवर्तन सरकार ने हाल ही में किया है। सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए आपको किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर अपनी बेटी के नाम से खाता खोलना है।
Sukanya Samriddhi Yojana : हर महीने महज इतने पैसे का करें निवेश, आपकी बेटी को मिलेंगे 65 लाख रूपए
सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें कंट्रीब्यूशन के किसी भी स्टेज पर टैक्स नहीं लगता है। इस योजना के तहत 1 साल में 1.5 लाख रूपए का निवेश किया जा सकता है। जब आपकी बेटी की उम्र 21 वर्ष पूरी हो जाएगी तब आपको इस योजना का पूरा पैसा प्राप्त हो जाएगा। वहीं जब आपकी बेटी की उम्र 18 साल हो जाती है तब आप 50 प्रतिशत पैसा निकाल सकते हैं।
इतना निर्धारित है ब्याज दर
वहीं फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में सुकन्या समृद्धि योजना का ब्याज दर 7.6 फीसदी निर्धारित किया गया है। ये ब्याज दर दूसरी योजनाओं की तुलना में काफी अच्छा है। सुकन्या समृद्धि योजना की सबसे खास बात तो ये है कि इसमें किसी भी प्रकार का कोई रिस्क नहीं है क्योंकि इसको सरकार का समर्थन प्राप्त है।
जानिए कितना मिलेगा पैसा
मान लीजिए कि यदि आप सुकन्या समृद्धि योजना के तहत हर महीने 12500 रूपए का निवेश करते हैं तो एक वर्ष में आप कुल 1.5 लाख रूपए का निवेश करेंगे। शुरूआती दौर में आप 250 रूपए जमा करके भी खाता खोल सकते हैं। जब आपकी बेटी 21 वर्ष की उम्र पूरी कर लेगी तो सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आपको पूरा पैसा प्राप्त हो जाएगा।
तो आप बहुत आसानी से समझ गए होंगे कि ये योजना आपकी बेटी के लिए कितनी लाभकारी है। आप इस योजना का लाभ उठाकर अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके शादी विवाह में भी अच्छा योगदान दे सकते हैं। क्योंकि हर पिता यही चाहता है कि उसकी बेटी को भविष्य में पैसों की वजह से कोई तकलीफ न हो।