UP PCS Mains : कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने यूपी पीसीएस (PCS) मेंस की परीक्षा के लिए नई तिथि का ऐलान किया है। बताते चलें कि पहले यह परीक्षा 28 जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2022 तक होनी थी।
UP PCS Mains की परीक्षा तिथि में हुआ बदलाव
अब इस तिथि में बदलाव किया गया है। यह परीक्षा अब 23 मार्च 2022 से लेकर 27 मार्च 2022 तक आयोजित होगी। ऐसी संभावना है कि यह परीक्षा पहले से निर्धारित नियमों के आधार पर ही कराई जाएगी। बताते चलें कि इस परीक्षा का आयोजन 2 पालियों में किया जाएगा। पहली पाली की परीक्षा सुबह 9:30 बजे से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक आयोजित की जाएगी। वहीं दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक आयोजित होगी। वहीं आयोग ने ये भी कहा है कि विशेष परिस्थितियां उत्पन्न होने पर तिथियों में बदलाव भी किया जा सकता है।
कोरोना के कारण छात्रों की बढ़ती मुश्किलें
UP PCS Mains परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को जहां कुछ दिनों का समय और मिल गया तो वहीं परीक्षा की तैयारी में जुटे कई छात्र परेशान भी हो गए हैं। क्योंकि उनको इस बात का अंदाजा पहले से ही था कि कोरोना की बढ़ती रफ्तार कहीं न कहीं उनके करियर को जरूर प्रभावित करेगी। सवाल ये उठता है कि क्या कोरोना की बढ़ती रफ्तार मार्च में होने वाली UP PCS Mains की परीक्षा में एक बार फिर बाधक बनेगी? क्योंकि गौर फरमाया जाए तो कोरोना की तीसरी लहर बेहद खतरनाक है।
क्या पुन: निर्धारित तिथि पर हो पाएगी परीक्षा
पिछले समय की तुलना में यह काफी तेजी से बढ़ रहा है। इतना ही नहीं परीक्षा की निर्धारित तिथि से पहले यूपी में विधानसभा चुनाव चुनाव होने वाला है और साथ ही होली का पर्व भी नजदीक है। चुनाव और होली के पर्व को देखते हुए बाहर रहने वाले लोग अब घर की ओर अपना रूख करेंगे। जिसके कारण हर जगह भीड़ होगी और कोरोना तेजी से बढ़ेगा।
दरअसल देश में बढ़ती कोरोना की रफ्तार ने जनजीवन को बेहद प्रभावित कर दिया है। सबसे ज्यादा इसका प्रभाव छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है। कठिन परिश्रम करके एक अच्छे भविषय की चाह में बैठे छात्रों की मेहनत बर्बाद होती दिखाई दे रही है। यह सिलसिला विगत 2 वर्षों से देखने को मिल रहा है।
छात्रों के भविष्य पर कोरोना का असर
छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास की सुविधा मुहैया कराई जा रही है जिससे कि उनके भविषय पर कोई असर न पड़े लेकिन छात्र इस पढ़ाई से बिल्कुल संतुष्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं। विगत 2 वर्षों से देश में कहर बरसा रही इस महामारी की वजह से छात्रों पर बेहद बुरा असर पड़ा है। स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं कोरोना काल के दौरान लिखित परीक्षा को ऑप्शनल तरीके से कराया गया। जिसका नतीजा ये हुआ कि कमजोर छात्रों को एक अच्छा अवसर मिला और वो इस परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त कर लिए।
वहीं दूसरी तरफ दिन-रात मेहनत करने वाले छात्र इस दौड़ में या तो बराबरी पर रहे या फिर पीछे हो गए। इसके बाद कोरोना की रफ्तार जैसे ही धीमी हो गई स्कूल और क़लेज दोबारा खुल गए। परीक्षा का पैटर्न फिर बदल दिया गया। इस बार कॉलेज में होने वाली परीक्षा लिखित कराई जा रही थी।