Gratuity New Rule : 5 साल से लगातार किसी कंपनी में काम कर रहे हैं, तो जान लीजिए ये 7 ज़रूरी बाते !

Gratuity New Rule :- अगर आप किसी कंपनी में बीते 5 सालों से नौकरी कर रहे हैं, तब तो आप भी ग्रेजुएटी पाने के हकदार हो जाते हैं। अब देखिए कर्मचारी को कितनी ग्रेजुएटी मिलनी चाहिए यह सब एक फार्मूले से तय होता है,लेकिन अगर कंपनी चाहे तो तय राशि से अधिक भी दे सकती है लेकिन फिलहाल बने नियम के अनुसार कर्मचारी को 20 लाख से ज्यादा की रकम नहीं नहीं अदा की जाएगी. ये रहा ग्रेजुएटी से जुड़ा कुछ जरूरी नियम !

Gratuity New Rule

Gratuity New Rule
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Gratuity Kya Hai :- अब देखा जाए तो ग्रेजुएटी वह रकम होती है जो कंपनी की तरफ से कर्मचारी को उसके काम में अच्छे प्रदर्शन के लिए रिवॉर्ड के रूप में दिया जाता है। हालांकि अगर कंपनी चाहे तो तय फार्मूले से ज्यादा अमाउंट भी दे सकती है, लेकिन अधिकतर केस में कर्मचारी को ग्रेजुएटी का छोटा हिस्सा उसकी सैलरी से कटता है, लेकिन एक बड़ा हिस्सा कंपनी की तरफ से दिया जाता है, बता दे कि ग्रेजुएटी का पैसा नौकरी छोड़ने के बाद रिटायरमेंट के समय पर दिया जाता है। फिलहाल आप को ग्रेजुएटी से जुड़े कुछ जरूरी नियमों से अवगत करवाते हैं चलिए !EPFO: नौकरी छोड़ने की तारीख इपीएफ अकाउंट में कर सकते हैं अपडेट, जानिए तरीका।

ये रहें, Gratuity से जुड़े कुछ जरूरी नियमो की लिस्ट !

ग्रेजुएटी के रूप में मिलने वाली रकम टैक्स फ्री होती है। कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को अधिकतम 20,00,000(बीस लाख) रुपए तक ग्रेजुएटी के तौर पर दे सकती है यह नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्र के कर्मियों के लिए समान है।

अगर किसी केस में कंपनी या संस्था Gratuity Act के दायरे में रजिस्टर्ड ना हो, तो उस परिस्थिति में यह कंपनी के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है कि वह ग्रेजुएटी देना चाहती है या नहीं ।EPFO New Alert 2022 : पेंशनर्स को सरकार ने दिया “No Tension” का तोहफा,पढ़िए खबर !

अब मान लीजिए अगर कंपनी एक ग्रेजुएटी देना ही चाहती है तो उसके लिए एक अलग से फार्मूला बनाया गया है जिसके तहत ग्रेजुएटी की रकम हर साल के लिए आधे महीने की सैलरी के बराबर होगी लेकिन याद रहे इस स्थिति में महीने की गिनती 30 दिन के आधार पर की जाएगी ना कि 26 दिन के आधार पर ।

बता दें कि ग्रेच्‍युटी को कैलकुलेट करने का एक फॉर्मूला है – (अंतिम सैलरी) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26). अंतिम सैलरी से मतलब, आपकी पिछले 10 महीने की सैलरी के औसत से है. इस सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन को शामिल किया जाता है.महीने में रविवार के 4 दिन वीक ऑफ होने के कारण 26 दिनों को गिना जाता है और 15 दिन के आधार पर ग्रेच्यु​टी का कैलकुलेशन होता है.EPFO Trending News 2022-23 : खुशखबरी ! मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए भेजी मोटी रकम, ऐसे करें चेक !

आपने किसी कंपनी में कितने साल तक सर्व किया है, इसको तय करने का भी एक अलग से फार्मूला तैयार किया गया है। मान लीजिए अगर किसी कर्मचारी ने कंपनी में 4 साल 8 महीने तक काम किया है, तो उसकी नौकरी पूरे 5 साल की मानी जाएगी,और तो और उसे 5 साल के हिसाब से ग्रेजुएटी का अमाउंट मिलेगा. लेकिन मान लीजिए उसने 4 साल 8 महीने से भी कम समय उस कंपनी में नौकरी की है तो उसकी नौकरी की अवधि को 4 साल गिना जाएगा, ऐसी परिस्थिति में उसे ग्रेजुएटी नहीं मिलेगी।EPFO : क्या आपको पता है पीएफ से जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें, देखें डिटेल

आज आपने क्या सीखा ?

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